आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए
आप तो गुलाब है,कभी बबूल न बनिए।
दुनिया में आप,कभी बे असूल न बनिए।।
अच्छा रास्ता,सभी को दिखाओ तुम।
किसी के रास्ते का,तुम सूल न बनिए।।
निमटा लो हर बात को ,तुम ख़ुद ही।
किसी बात के लिए,तुम तूल न बनिए।।
रक्खे याद तुम्हे,ये दुनिया अब सारी।
किसी के लिए भी,तुम भूल न बनिए।।
रोको किसी को मत,जो कही भी जा रहे।
करो उनकी मदद तुम,उनकी धूल न बनिए।।
कांटो के साथ कांटे बनो,उन्हे उखाड़ दो।
रस्तोगी कहता है,उनके लिए फूल न बनिए।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम