आप गर मुड़कर चल दिए कभी, साँसे भी चलें गनीमत है हमारी
बेशक वैसे तो बेमोल हैं हम,
तुम से ही कीमत है हमारी।
तुम को पाकर यूँ लगता है,
जैसे सारी कुदरत है हमारी।
आप गर मुड़कर चल दिए कभी,
साँसे भी चलें गनीमत है हमारी।
आपकी ही बाँहों में दम निकले,
बस इतनी ही बाकि हसरत है हमारी।
ज़िन्दगी ने आपको जो बख्शा है हमें,
हर दुआ हुई क़ुबूल किस्मत है हमारी।
————शैंकी भाटिया
अक्टूबर 13, 2016