आप कौन से मुसलमान है भाई ?
यह कौन लोग है शदाई,
इंसानियत जिन्होंने भुलाई ।
धर्म के नाम पर जिसने,
नफरत की चिंगारी जलाई ।
अल्लाह का नाम जुबा से लेते ,
और करते उसकी रुसवाई ।
यह है मुगलों से खूंखार,
वहशी ,दरिंदे और कसाई।
अपने धर्म को ऊंचा बताते ,
गैरों के धर्म की करते बुराई ।
कौन से खुदा ने कहा है ,
और कहां लिखा है कत्ल ए आम करो।
कुरान को यदि सही पढ़ा होता,
तो समझ में आती असल सच्चाई ।
वास्तव में सबका मालिक तो एक है ,
बस नाम अलग अलग है ।
पूजते तो सभी है उसे ,
बस अंदाज जुदा जुदा है ।
फिर यहां कौन काफिर है भाई !
काफिर तो तुम खुद हो ,
जो खुदा को नहीं समझते ।
उसकी रज़ा और संदेश को समझे बिना ,
औरों पर सितम तुम करते ।
इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है ,
और सबसे प्रेम ही इबादत ।
इसके अलावा सभी फिजूल है ,
नहीं इसमें कोई सच्चाई ।
हम तुमको नही जानते ,
तुम हो कौन ?
हम तो रसखान को जानते है ,
जिसने श्याम सुंदर की तस्वीर दिल में बसाई।
हम तो उस कलाम को जानते है ,
जिसमें कुरान और गीता दोनो समाई।
हम उस बिस्मिलाह खां को भी जानते है ,
खुशी और गम की जिसने बजाई शहनाई ।
हम तो उस नौशाद को जानते है ,
जिसने अनगिनत भजनों की धुन बनाई ।
हम उन शायरों को भी जानते है ,
जिनके कलामों में दर्ज रही ,
कौमी एकता और इंसानी जीवन की कहानी ।
हम उस रफी को जानते है ,
जिनके नगमों ने इंसान को इंसान ,
बने रहने की तहजीब सिखाई ।
और भी ना जाने कितने अजीम लोग थे ,
उनको भी हम जानते है जो ,
भारत माता के सच्चे सेवक और देशभक्त रहे।
जिन्होंने उसकी शान में अपनी जां कुर्बान की ।
हम तो ऐसे मुसलमानों को जानते है ,
जिन्होंने असली मुस्लमान होने का उदाहरण दर्शाया।
मुसलमान का वास्तव में यही मतलब है ,
मुसल सल ईमान।
ऐसा व्यक्ति जो खुदा ,और उसके बनाए बंदों में ,
फर्क न करे ।
फर्ज ,सच्चाई ,शराफत ,रहम ,प्यार और ,
मर्यादा में रखे पूरा ईमान ।
आप कौन से मुसलमान है भाई ?