आप और हम
शीर्षक आप और हम
आप और हम कहानी आप और हम में किसी भी कहानी और शब्द ही हमारी पहचान और सच या हकीकत होते हैं क्योंकि कोई भी शब्द और रचनाकार कहीं ना कहीं से उसे कहानी को कल्पना के साथ शब्दों को बनता है आप और हम ही जीवन में कहानी के शब्द और किरदार होते हैं। फर्क सिर्फ इतना होता है कि हम सभी कभी कोई हकीकत को कल्पना के साथ ऐसा लिख देते हैं जो हम सभी के जीवन को छू जाती है और वही कहानी प्रंशसनीय नहीं है और अच्छी बन जाती है।
आज कहानी के किरदार आप और हम हैं और आप और हम ही जीवन के रंग मंच पर अपने-अपने किरदार निभाते हैं अपनी पद संपत्ति धन संपदा के साथ हमारी सोच बनती है ऐसा नहीं आप और हम मानवता और समाज को भूल जाते हैं। परंतु कुछ ऐसा भी होता है जो कि समय के अनुसार हम सब अपनी मानसिकता के साथ-साथ शब्द का जाते हैं। आप और हम कहानी में एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा स्वार्थ छल फरेब और मानवता भी रखते हैं। सामान्य जीवन में हम सब अपने जीवन का प्रतिदिन का किरदार निभाते हैं और एक दूसरे के लिए सोच भी रखते हैं और जीवन में प्रेम इश्क मोहब्बत एक उम्र के साथ हम सभी करते हैं बस आधुनिक समय में इन सभी बातों का नजरिया बदल जाता है क्योंकि एक उम्र के साथ प्रेम और एक उम्र के साथ निभाव आप और हम सभी के साथ-साथ अलग-अलग दृष्टिकोण होता है कहानी में आप पर हम सभी के पास अपने-अपने सोच और समझ के साथ जीवन की राह होती है और हम किसी बात को अच्छा कहते हैं तो बहुत से लोग इस बात को बुरा भी कहते हैं यही आप और हम कहानी में एक सोच है क्योंकि समाज में हम सभी रहते हैं और जिस समाज में हम रहते हैं उसे समझ में अपने आस पड़ोस के वातावरण से हमारे सोचने का नजरिया अलग-अलग होता है और आप और हम कहानी में हम सभी किरदार निभाते हैं जन्म से लेकर जीवन जीने में और मृत्यु तक का सफर हम सब तय करते हैं एक नौजवान नवयुवा अपने जीवन में सोच उसकी अलग होती है। और जीवन के मध्य में वही सोच बदलती है और जब हमारा अधेड़ अवस्था आती है तो हमारी सोच और बदलती है। आप और हम कहानी के सच में हम और आप वही हैं। सच तो बहुत है परंतु आजकल हम सभी अपने शब्दों और अपनी बातों को प्राथमिकता देते है। आप हम सभी समाज से जुड़े रहते हैं और हम सभी से समाज होता है परंतु हम सभी अपने एक मत को बढ़ावा देते हैं जिससे हमारी बात सुनी जाती है आप और हम में कहानी का यही मतलब है कि जीवन तो आप और हम ही जीते हैं और समाज एक संगठन के साथ बनता है और वही समाज आप और हम बनते हैं केवल शब्दों के आदान-प्रदान से ही आप और हम हैं और यही कहानी का महत्वपूर्ण रूप है कि आप और हम ही जीवन के नेता अभिनेता होते हैं। सच और सही तो यही है कि आप और हम ही जीवन के साथ न्याय और अन्याय करते हैं। कभी-कभी आप पर हम अपने स्वार्थ के कारण सच को भी झूठ कह देते हैं और यही एक मानवता के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता है। क्योंकि आप और हम आज आधुनिक युग में सच और झूठ का अंतर तो जानते हैं परंतु सच कहने का साहस और सच के साथ चलने का अंदाज नहीं है क्योंकि आज आप और हम सभी अपने-अपने मतलब और स्वार्थ के साथ जीवन जीते हैं परंतु सच हम जानते हैं और यह भी मानते हैं आप और हम में कि हमारे शब्दों का हमारे जीवन की भाग्य और कम पर असर पड़ता है।
आप और हम कहानी को शायद आप नकार दें। परंतु आप और हम ही कहानी के पात्र हैं और सच और झूठ और हकीकत के साथ हम अपना जीवन जीते हैं और शायद हम सच के साथ चलने से डरते हैं और सच सही भी है आज आधुनिक युग में सच कहने वाला इंसान आप और हम में बहुत सोच और समझने वाला व्यक्ति हो सकता है जिसे हम सभी एक खराब या पागल की संज्ञा भी दे सकते हैं हम युग कोई से अभी उठा कर देख ले परंतु सभी युगों में जीत सत्य और धर्म की होती है भला ही सच को हम पचा नहीं पाते हैं क्योंकि हम सभी सच के साथ चल नहीं पाते हैं। आज की कहानी आप और हम में बस यही संदेश देती है कि हम सभी को अपने स्वार्थ के साथ ना चल कर सच के साथ चलना चाहिए क्योंकि कर्म भाग्य आज भी कलयुग में भी सच और धर्म के साथ है।
नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र