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16 Jul 2023 · 3 min read

आप और हम जीवन के सच

आप और हम जीवन के सच मैं आज हम पर चलेंगे कल्पना के साथ एक सच्चे और अच्छे विचारों की कहानी संग्रह जो कि बिल्कुल सच और तथ्यों पर आधारित है फिर भी हम कहेंगे तो वही कल्पनाशील कहानी है
आज हम एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी लेकर आएंगे जो जीवन के सच के पहलुओं को जोड़ती है आज की नारी बहुत समझदार है फिर भी वह प्यार प्रेम और सोच के मामले में अभी बहुत पीछे बात उस समय की है जब एक शहर में………
एक लड़का और एक लड़की बचपन में पड़ोस में रहते थे साथ ही पढ़ते थे और साथ साथ ही जाते अतिथि बस रिश्ते में लड़के की मुंह बोले भाई की साली लगती थी और वह लड़की और लड़के में प्रेम तो था परंतु लड़की कुछ और चाहती थी जबकि उस लड़के को इस बात का एहसास भी ना था वह लड़का नीलेश जो कि बबली को दिलो जान से चाहता था और वह उसके लिए बस अपनी बड़ी बहन की शादी का इंतजार कर रहा था और बबली नीलेश के साथ और दूसरे लड़कों को भी चोरी छुपे प्रेम का इजहार कर उनको भी धोखा दे रही थी इस बात से बेखबर नीरज अपनी पढ़ाई के लिए शहर से दूर जम्मू कश्मीर की वादियों में इंजीनियरिंग करने चला गया वहां बबली के पत्र आते जाते साल बीते महीने बीते फिर दो चार साल बाद नीलेश पढ़ाई पूरी कर कर अपने शहर वापस आ गया जब नीलेश ने बबली से मिलने उसके घर कहां गया तब निलेश को बबली की मम्मी बोली आप अपनी मम्मी से बात कर लो वरना मेरी बेटी को भूल जाओ मैं बबली से पूछा बबली आप क्या चाहती हैं तो बबली का दो टूक जवाब था जो मम्मी ने कहा वह सही है तब नीलेश घर आकर उदास हुआ तो उसके घर वालों ने पूछा बेटा क्या बात है तब नीलेश ने कहा अपने घर में की दीदी की शादी कब तक करेंगे हम तो उसकी दीदी नमीता कहती है भैया आप मेरी शादी चिंता ना करो आप बात बताएं क्या है बस कुछ नहीं दीदी आपकी उम्र बढ़ रही है ऐसे ही चिंता हो रही थी मुझे नीलेश अपने परिवार का इकलौता बेटा था वह नहीं चाहता था कि बड़ी बहन की शादी के पहले वह शादी कर ले दिन बीते 1 दिन नीलेश की दीदी नमिता बोली बबली की शादी पक्की हो गई और वह अलीगढ़ में शादी करने जा रहे हैं बस नीलेश का दिल टूट गया और वह घर से बाहर एक मंदिर में जाकर बैठ गया और ईश्वर से उसने पूछा है ईश्वर क्या प्रेम त्याग और बलिदान ही मांगता है कभी प्रेम एक नहीं हो सकता इसीलिए क्या प्रभु राधा कृष्ण राधा मीरा एक ना हो पाए बस ऐसा कहकर नीलेश अपने घर आ जाता है और अपने दिलों की गहराइयों में उस प्रेम को दफन कर देता है और आज भी बबली 2 बच्चों की मां है फिर भी नीलेश जीवन में उसके प्यार के सहारे आज भी जीवन यापन कर रहा है बस फर्क इतना है कि वह अपने परिवार में खुश है और नीलेश अपने जीवन में खुश है बस नीलेश में जीवन में यह समझ लिया कि नारी कितनी भी समझदार और वफादार क्यों न हो परंतु समय के अनुसार रंग बदल ही लेती है समय बीतता गया
उसके जीवन में प्रेम और प्यार से ज्यादा महत्व धन संपदा और जीवन के आनंद का ही रहता है बबली की स्थिति बहुत खराब हो चुकी है वह अपने जीवन के लम्हों को सोच कर रोती है ऐसा नीलेश को कुछ लोगों ने बताया था। परन्तु ,नीलेश ने अपने दिल और जुबान पर मोहब्बत के त्याग और बलिदान का ताला लगा रखा था । सच तो यही है कि जीवन का हम किसी से भी प्यार करें उसको रुसवा न करें भले ही प्यार में एक प्रेमी धोखा कर जाए फिर भी प्रेम त्याग और बलिदान के साथ चाहत में शामिल है
नारी तू महान तेरे रंग हजार बस………….. नारी तो एक सच है 🌹🌹

Language: Hindi
Tag: Story
395 Views

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