आपस में ही बढ़ गई है दुशमनी?
अब तो हर किसी की?
आपस में ही बढ़ गई है दुशमनी?
क्यूंकी हर किसी के जुवां पर,
अब चढ़ता रंग सिर्फ मनी?
© शायर-किशन कारीगर
अब तो हर किसी की?
आपस में ही बढ़ गई है दुशमनी?
क्यूंकी हर किसी के जुवां पर,
अब चढ़ता रंग सिर्फ मनी?
© शायर-किशन कारीगर