आपस में मिल-जुलकर रहें !
आपस में मिल-जुलकर रहें !
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आपस में सदा मिल-जुलकर रहें !
एवं एक दूसरे की भावनाऍं समझें !
हमारा ये जीवन बहुत ही कीमती है !
हरेक कठिनाइयों का ही सामना करें !!
आपस में……..
यहाॅं मुश्किलें तो आती ही रहेंगी !
मुसीबतों से कभी भी ना घबराएं !
जीवन-पथ पर अडिग,अटल रहकर….
हॅंसते-हॅंसते सब कुछ ही झेल जाएं !!
आपस में……..
एक दूसरे की भावनाऍं न आहत हों !
सदैव इसका पूरा-पूरा ही ध्यान रखें !
रिश्ते – नाते अनमोल धरोहर होते हैं….
इस बात को अपने ज़ेहन में सदा रखें !!
आपस में……..
वक्त आज कठिन दौर से गुज़र रहा है !
सदा अपने ही अपनों के काम आते हैं !
इस संसार में कौन, किसे, कब पूछते हैं….
सही वक्त आने पर सभी ये जान जाते हैं !!
आपस में……..
जो बड़े हैं वे सदा बड़े ही बने रहेंगे….
इस बात की चिंता वे खुद क्यों करेंगे ?
वे बस जीवन में अपना काम करेंगे….
अंज़ाम की चिंता ईश्वर पे ही छोड़़ देंगे !!
आपस में……..
ईश्वर ऊपर से सब कुछ ही देख रहे हैं !
पृथ्वी लोक पर हम सब जो झेल रहे हैं !
हम अगर आपस में ही लड़-झगड़़ रहे हैं !
तो देवी – देवता इस बात पर हॅंस रहे हैं !!
आपस में………
सब कुछ तो सबके सामने ही हो रहा है !
किसी का हौसला कम क्यों पड़ रहा है ?
जो कोई संसार में बुलंदियों को छू रहा है !
हौसला भी उसका आसमान में उड़ रहा है !!
आपस में………
मनुज उठें….समय की कीमत को पहचानें !
फ़िज़ूल की बातों में कदापि वक्त ना गॅंवाएं !
खुद के सिवा औरों की भी तकलीफ़ें समझें !
जो कुछ हो जाय,आपस में ना कभी उलझें !!
स्वरचित एवं मौलिक ।
सर्वाधिकार सुरक्षित ।
अजित कुमार “कर्ण” ✍️✍️
किशनगंज ( बिहार )
दिनांक : 30 सितंबर, 2021.
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