आपसी भाईचारा
हमें थोड़ी-सी दिलेरी
दिखाने की ज़रूरत है
अभिव्यक्ति के खतरे
उठाने की ज़रूरत है…
(१)
वरना सदियों की कुर्बानी
लम्हों में बेकार जाएगी
अपनी सोई हुई गैरत
जगाने की ज़रूरत है…
(२)
हम उतने नासमझ नहीं
तुम जितना समझते हो
अब हुक्मरानों को यह
समझाने की ज़रूरत है…
(३)
इस देश में इंकलाब
कैसे नहीं आएगा
भगतसिंह जैसे एक
दीवाने की ज़रूरत है…
(४)
मज़हब तो ख़तरे में
न कल थे-न आज हैं
आपसी भाईचारे को
बचाने की ज़रूरत है…
Shekhar Chandra Mitra
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