आपत्ति
पता नही क्यों
इस वातावरण में
साँस
रूक – रूक कर
चलती है ,
लेकिन आश्चर्य है
इस पर भी
लोगों को
आपत्ति है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 17/04/91 )
पता नही क्यों
इस वातावरण में
साँस
रूक – रूक कर
चलती है ,
लेकिन आश्चर्य है
इस पर भी
लोगों को
आपत्ति है ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 17/04/91 )