आपकी सुबह।
सुबह हो आपकी ऐसी जिसमें,
हर पल खुशियों का तरन्नुम हो,
दिन बन जाए ख़ूबसूरत इतना,
कि ताउम्र जिसका तसव्व़ुर हो,
हर एक पल आपके दिन का,
बन जाए ख़ुशियों का दर्पण,
और तो मैं दे सकता हूँ क्या,
बस करता हूँ सम्मान अर्पण,
दौर ये यूँ ही आते रहेंगे ,
दौर ये यूँ ही जाते रहेंगे,
आपकी खुशियों की आरज़ू ले कर,
मेरे शब्द ये यूँ ही आते रहेंगे,
हर दिन हो ख़ुशियों से सजा,
जीवन में बिखरी बहार हो,
दिल से दुआ है आपको,
कि हर दिन आपका गुलज़ार हो।
कवि-अंबर श्रीवास्तव