आपकी यादों को
आपकी यादों को
हर रोज छुपाते हैं
आपके नग्मों को
अपना दोस्त बनाते हैं
हमें मालूम है
तू भूल चुका है हमको
फिर भी कम्बख्त दिल को
पल पल समझाते हैं
इन काली गहरी रातों में
इन बेमौसम बरसातों में
जब याद तुम्हें हम करते हैं
बस पतझड़ से मुरझाते हैं
आपकी यादों को…
अब टिक टिक इन घड़ियों की
अनकही कहानी कहती है
तुम पास नहीं मेरे सेनो
बस खाली पर्दे लहराते हैं
आपकी यादों को
हर रोज छुपाते हैं
तुम्हारी गीत गजलों को
अपना दोस्त बनाते हैं