Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2023 · 1 min read

आपकी कशिश

आपकी कशिश कुछ तो होगी
उसे जो हम कभी भुला न पाए

एक उसका प्यार ही निराला था
जब भी हम पास ए सब कुछ भूल ही गए ।

भूल गए ज़माने के ताने,
भूल गए उसके दूर जाने के बहाने ।

मुझे वो पल आज भी याद है
उसका पास आ कर कहना ,,,,,,,,,,,,,,

” चल कही दूर चलते है ”
और कहते कहते सच में दूर चले जाना ।

आज भी वो लम्हे , हर पल याद आते हैं
उसका मुस्कुराना और मुझे कुछ भी कह कर चिढ़ाना ।

मेरे गुस्से पर मुझे मनाना और न मानने पर गले लगाना ।
हर पल मुझे याद करके ” फ़ोन ” घूमना और घूमने का ” प्लान ” बनाना ।

याद है वो लम्हे जो चुपके से पार्टी करना
और साथ मिलकर खाना बनाना ।

हम दोनों में कुछ तो खामियां रही होगी जो
हम एक-दूसरे पर भरोसा करते गए और वो तोड़ते गए ।

न जाने कौन सा मोड़ आया कि वो दूर होते गए
और हम भी पीछे हटते गए ।

आज न वो साथ न वापिस आने की उम्मीद ।
बस एक मैं और उसकी याद , बस एक मैं और उसकी याद ।

211 Views

You may also like these posts

पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
पकौड़े चाय ही बेचा करो अच्छा है जी।
सत्य कुमार प्रेमी
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से,
Ranjeet kumar patre
कवि और केंकड़ा
कवि और केंकड़ा
guru saxena
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
4084.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
"आज का दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
Sonam Puneet Dubey
अकल की दुकान
अकल की दुकान
Mukund Patil
पन्नाधाय
पन्नाधाय
Dr.sunil tripathi nirala
" can we take a time off from this busy world, just to relax
पूर्वार्थ
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Chaahat
मंजिल की तलाश में
मंजिल की तलाश में
Praveen Sain
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
गांव जीवन का मूल आधार
गांव जीवन का मूल आधार
Vivek Sharma Visha
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
उसकी वो बातें बेहद याद आती है
Rekha khichi
बात खो गई
बात खो गई
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
दोहा त्रयी. . . . . प्रेम
दोहा त्रयी. . . . . प्रेम
sushil sarna
..
..
*प्रणय*
मुखौटा
मुखौटा
Yogmaya Sharma
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
ये हक़ीक़त ही बासबब होगी
ये हक़ीक़त ही बासबब होगी
Dr fauzia Naseem shad
श्रीकृष्ण की व्यथा....!!!!
श्रीकृष्ण की व्यथा....!!!!
Jyoti Khari
"बेखबर हम, नादान तुम " अध्याय -2 "दुःख सच, सुख मात्र एक आधार है |"
कवि अनिल कुमार पँचोली
"गंगा मैया"
Shakuntla Agarwal
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
हर इन्सान परख रहा है मुझको,
Ashwini sharma
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
कितना दूर जाना होता है पिता से पिता जैसा होने के लिए...
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
आप हर किसी के लिए अच्छा सोचे , उनके अच्छे के लिए सोचे , अपने
Raju Gajbhiye
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
दुर्घटनाएं
दुर्घटनाएं
ललकार भारद्वाज
गर्म जल कुंड
गर्म जल कुंड
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
स्वयं के परिचय की कुछ पंक्तियां
Abhishek Soni
Loading...