आपका नाम हो
सोचिए कि ऐसा क्या काम करें कि आपका नाम हो
कहते है काम ऐसा करो कि नाम हो जाये और नाम ऐसा करो कि काम हो जाये। आप जी भी कार्य कर रहे हैं, उसे साधारण या असाधारण बनाना आपके हाथ मे है।
माइंडसेट को बदल कर आप हर साधारण सा दिखने वाले कार्य को एक नया रूप देकर उसे असाधारण बना सकते हो।आपकी क्रिएटिविटी, अलग सोच और नयापन दे कर उसे बदल सकते हो। क्रिएटिविटी को आप अपने अंदर विकसित कर सकते है। उसका विकास कर सकते है।
शिव खेड़ा भी कहते हैं कि जीतने वाले कुछ अलग नही करते वे बस कार्य अलग ढंग से करते है।
अलग ढंग यानी क्या ? अलग यानी आपकी रचनात्मकता, नई सोच, नया पन जिसे साधारण लोग नही सोच पाते वह सोचना।
कुछ अलग सोचिए और अपना नाम कीजिये।
आनंदश्री