Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Dec 2016 · 1 min read

-: आपका इंतज़ार है हमको :-

आपका इंतज़ार है हमको,
आपसे प्यार है हमको,
आप आयेंगे किसी रोज़ भी,
इतना एतबार है हमको,

आपका इंतज़ार है हमको,

तुमने कैसे मोड़ पर था हमको छोड़ा,
दिल भी था हमारा तोडा,
आ जाओ इसी मोड़ पर तुम सबको छोडकर,
नहीं कोई तकरार है हमको,

आपका इंतज़ार है हमको,

जिंदगी भर न सही पल भर के लिए आ जाओ,
तुम न किसी बात से घबराओ,
करनी बात दो-चार है हमको,

आपका इंतज़ार है हमको,

Language: Hindi
Tag: गीत
198 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
It is that time in one's life,
It is that time in one's life,
पूर्वार्थ
औरत का जीवन
औरत का जीवन
Dheerja Sharma
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
बेटा पढ़ाओ कुसंस्कारों से बचाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप ।
पुण्यात्मा के हाथ भी, हो जाते हैं पाप ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
💐प्रेम कौतुक-535💐
💐प्रेम कौतुक-535💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
मैं इक रोज़ जब सुबह सुबह उठूं
ruby kumari
रो रो कर बोला एक पेड़
रो रो कर बोला एक पेड़
Buddha Prakash
लक्ष्मी अग्रिम भाग में,
लक्ष्मी अग्रिम भाग में,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
3385⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
बिना कोई परिश्रम के, न किस्मत रंग लाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
मोल
मोल
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
"अवसाद का रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवात्मा
जीवात्मा
Mahendra singh kiroula
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे
तुमसे ज्यादा और किसको, यहाँ प्यार हम करेंगे
gurudeenverma198
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
बद मिजाज और बद दिमाग इंसान
shabina. Naaz
एक कविता उनके लिए
एक कविता उनके लिए
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
*जिनके मन में माँ बसी , उनमें बसते राम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सुख - डगर
सुख - डगर
Sandeep Pande
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
ये न सोच के मुझे बस जरा -जरा पता है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
#लघुकथा
#लघुकथा
*Author प्रणय प्रभात*
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ग़ज़ल की ये क़िताब,
Sahil Ahmad
दुनिया में सब ही की तरह
दुनिया में सब ही की तरह
डी. के. निवातिया
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
अरे मुंतशिर ! तेरा वजूद तो है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्रेम 💌💌💕♥️
प्रेम 💌💌💕♥️
डॉ० रोहित कौशिक
जुबान
जुबान
अखिलेश 'अखिल'
मूकनायक
मूकनायक
मनोज कर्ण
Loading...