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4 Feb 2024 · 1 min read

आने वाला आएगा ही

आने वाला आएगा ही, जाने वाला जाएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

जो जाने वाला है उसकी,
हॅंसकर करें विदाई हम।
आने वाले का स्वागत कर,
स्वीकारें सेवकाई हम।।

जो निष्काम करेगा करनी, जग उसके गुण गाएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

अच्छा-बुरा नहीं कुछ होता,
जो जैसा स्वीकारें हम।
चुनौतियां आती हैं, आएं,
डरें नहीं, ललकारें हम।।

जो न सुपथ से विचलित होगा, सुयश केतु फहराएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

शाश्वत सत्य हमारा जीवन,
गगन विहारी होंगे कल।
आज मुसीबत मुॅंह बाए जो,
कल ख़ुद ही जाएगी टल।।

विचरण आज कर रहे भू पर, कल भी काल न खाएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

अपना जीवन, कवि का जीवन,
शब्द- साधना को अर्पित।
धन्य- धन्य सब कविता- प्रेमी
काव्य- कला से जो परिचित।।

काव्यानन्द काव्यप्रेमी को, प्रभु के ढिग पहुॅंचाएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

परिवर्तन है नियम प्रकृति का,
भंगुर भासित जग सारा।
भारतवर्ष हमें लगता है,
प्राणोपम पुनीत प्यारा।।

राम भरोसे कर्म करे जो, वह न कभी पछताएगा।
कोई रोक न सका किसी को, कोई रोक न पाएगा।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
99 Views
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