आनंदवर्धक/पियूषवर्ष छंद /पिता पुत्र संवाद
पिता पुत्र से ÷
आनंद वर्धक छंद 19
जेब देखो बाद में खरचा करो।
खूब यारों से मिलो चर्चा करो।।
यों निठल्ले चार दिन चलना नहीं।
बैठने से आफतें टलना नहीं।
काम कुछ भी हो करो बेकार हो ।
बाप के सिर पर अभी तक भार हो ।
क्या जरा भी घर तुम्हें दिखता नहीं।
हौसला आधार बिन टिकता नहीं।
पुत्र पिता से
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पियूष वर्ष छंद
19 मात्राएँ यति जरूरी
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अंत गुरू। 10/9 यति
खोजने से काम, पाया है नहीं।
पुत्र जूझा हार,खाया है नहीं ।।
नौकरी तो आज, तारे तोड़ ना।
है पहाड़ों शीश,जैसे फोड़ना।।
अंक सूची टाप,सो बेकार है ।
घूँस का ही खास,कारोबार है ।
बेचदो जो पास, खेती हे पिता।
या सजा लो आप,बेटे की चिता।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
24/11/22