Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Jun 2021 · 1 min read

आधुनिक होली

?आधुनिक होली?

बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया,

मांस मदिरा पर भईल बा मार ऐ भईया।
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।

दूध दही पूरी पकवान; पर बाटे ना केहू के ध्यान,
मांस और मदिरा में बसता,अब सबकर प्रान।
परिवर्तन भईल अब लोग के विचार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।

केहु गुलाल लगावेला;त केहु मारे खातिर धावेला,
रंग पड़ गईल अगर केहू के;त उ मने-मन गरिआवेला।
पहिले के जईसन लोगवन में;नईख प्यार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।

पहले के होली में प्यार रहे; आदर सम्मान सत्कार रहे,
लगाकर गुलाल माथे पे;छुअत चरण कई बार रहे।
उ मान-मर्याद भईल सब बेकार ऐ भईया,
बदल गईल बा होली के त्यौहार ऐ भईया।।

आपका अनुज?
✍️प्रजापति कमलेश “बाबू ”
अपना आशीर्वाद जरूर दीजिए ??

Language: Hindi
3 Likes · 4 Comments · 350 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
औलाद
औलाद
Surinder blackpen
23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/117.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
कोशिश करने वाले की हार नहीं होती। आज मैं CA बन गया। CA Amit
CA Amit Kumar
होली
होली
Mukesh Kumar Sonkar
एक शख्स
एक शख्स
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
*जीवन की शाम (चार दोहे)*
*जीवन की शाम (चार दोहे)*
Ravi Prakash
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
फागुन (मतगयंद सवैया छंद)
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
आंख बंद करके जिसको देखना आ गया,
Ashwini Jha
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
बरसो रे मेघ (कजरी गीत)
Vishnu Prasad 'panchotiya'
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
हुए अजनबी हैं अपने ,अपने ही शहर में।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
“मां बनी मम्मी”
“मां बनी मम्मी”
पंकज कुमार कर्ण
"ज्यादा मिठास शक के घेरे में आती है
Priya princess panwar
........?
........?
शेखर सिंह
तेरी याद
तेरी याद
Shyam Sundar Subramanian
मैं अपने बिस्तर पर
मैं अपने बिस्तर पर
Shweta Soni
गर्मी आई
गर्मी आई
Manu Vashistha
Pyasa ke dohe (vishwas)
Pyasa ke dohe (vishwas)
Vijay kumar Pandey
नींद आज नाराज हो गई,
नींद आज नाराज हो गई,
Vindhya Prakash Mishra
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
मन का मिलन है रंगों का मेल
मन का मिलन है रंगों का मेल
Ranjeet kumar patre
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
फिर एक पलायन (पहाड़ी कहानी)
श्याम सिंह बिष्ट
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
सत्यता और शुचिता पूर्वक अपने कर्तव्यों तथा दायित्वों का निर्
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
हे दिल तू मत कर प्यार किसी से
gurudeenverma198
बादल गरजते और बरसते हैं
बादल गरजते और बरसते हैं
Neeraj Agarwal
दस्तक
दस्तक
Satish Srijan
#शेर
#शेर
*Author प्रणय प्रभात*
*अहं ब्रह्म अस्मि*
*अहं ब्रह्म अस्मि*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" चुस्की चाय की संग बारिश की फुहार
Dr Meenu Poonia
"क्रोध"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
ग़ज़ल/नज़्म - शाम का ये आसमांँ आज कुछ धुंधलाया है
अनिल कुमार
Loading...