आधुनिक भारत
आधुनिक भारत
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चलती आ रही परंपरा, ऋषि मुनियों से
ज्ञान भण्डार मिला था, हमे उन्ही से
बात क्या करते हो, आधुनिक भारत से
नींव तो रखी थी,हजारों साल पहले से।।1।।
आक्रांताओं तोड़ दिया,मंदिरों में मूर्तियों को
तोड़ न पाएं मनोबल,अंतर्मन में हो जो
वहीं इच्छाशक्ति से, निर्माण करे सब जो
विश्व गुरु पद पर, बैठा आधुनिक भारत हो।।2।।
नाम लो किसी क्षेत्र का, कल थे नगण्य हम
आज का ही लो, है सब में प्रधान हम
विकसिता आई नहीं, विलासिता से सुन
सींचा बूंद बूंद पसीने से,आसमान की धुन।।3।।
बैठते नहीं आजकल हम, हाथ पर हाथ लिए
घुसकर मारते दुश्मन को, जान हथेली पे लिए
हाथ उठाने की नौबत, आने ही नहीं देते
उठने से पहले ही हाथ, है हम काट देते।।4।।
जुड़ चले है हम, आधुनिकता के पथ से
जोड़े चले साथ में, संस्कारों के रथ से
साथ में लिए इतिहास को, साक्षी बनाकर
उड़ चला गगन यान, विज्ञान मानकर।।5।।
सपोलों का देश मानकर,चिढ़ाता पश्चिम जानकर
टिकाने घुटने मजबूर किया, वहीं सोच बदलकर
कम पड़ेंगे शब्द, आधुनिक भारत सोचकर
“मानस”कहे बस दम लेंगे, हम विश्व गुरु बनकर।।6।।
मंदार गांगल “मानस”