आधार
जगत का करने को उद्धार।
बनाया सत्संग को आधार।।
मनुज पर करने को उपकार।
बनाया नाम धुन आधार।।
जीव का करने बेडा पार।
बनाया मालिक को आधार।।
करेगे सबका बेडा पार।
बनाया सतगुरु को आधार।।
काटने मोह माया के तार।
बनाया नाम जप आधार।।
जोड़ने जगत पिता से तार।
बनाया सुमिरन को आधार।।
मिटाने राग, द्वेष और रार।
बनाया प्रेम को आधार।।
कराने प्रकृति से प्यार।
बनाया सेवा को आधार।।
दिखाने गुरू महराज का द्वार।
बनाया ध्यान को आधार।।
दिखाने दयाल देश का द्वार।
बनाया संत मत आधार।।
सत्य का करने को प्रचार।
बनाया परम पिता आधार।।
ललित है मालिक का प्रसाद।
बनाया दयालबाग आधार।।
ललकार भारद्वाज