आधार छन्द- “सीता” (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
छंद गीतों में पिरो दूँ मातु ब्राह्मी भान दो।।
कर्मयोगी मैं बनूँ री! है यही माँ कामना।
शौर्य गाथा मैं लिखूँ हो राष्ट्र मेरी साधना।।
गीत गाती राधिका राची पिया के प्रीत में।
जीत के भी हार बैठी वो जिया श्री प्रीत में।।
मीत आए क्यों नहीं री! वो रुआसी जी हुई।
मीन प्यासी ज्यों नदी में दर्श प्यासी सी हुई।।
राग छेड़ा यों हवा ने नाचती ज्यों बावरी।
रंग श्यामा का चढ़ा तो साजती हो साँवरी।।
नैन माधौ से मिले तो चेत भूली माधवी।
जोग मीरा ने लिया साधौ हुई वो साधवी।।
नीलम शर्मा ✍️