आदि शक्ति
जन्म के बाद पहला स्पर्श
जननी का होता है
उसी की उंगली थाम
कदम रखना सीखता है
पर स्त्री के जन्म पर
मातम और अवसाद
नवजीवन की खुशी नहीं
हुआ जैसे अपराध
आदि शक्ति, जगदम्बा
इन नामों से सुशोभित
पर जीने के अधिकार से
करी जाती वांछित
भृण हत्या करने वाले
जय माता के नारे लगाये
सवेरे पाप के भागी
सांध्य पुण्य कमाये
नारी, तू शक्ति है गर
उठा के सर, अपने लिये लङ
मुश्किल नहीं कुछ, तू जो ठाने
मिटा दे सोच के दायरे, आगे बढ
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)