*”आदिशक्ति जय माँ जगदम्बे”*
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“आदिशक्ति माँ जगदम्बे”
नौ दिन नवरात्रि पर्व माँ की आराधना कर ,
जप तप साधना श्रद्धा भक्तिमय उम्मीद का ज्योत जलाते।
पूरी होती मन की मुरादे पूरन सारे काम होते ,
पूर्ण होती मन की शुभकामना रिद्धि सिद्धि फल देती।
नियम धर्म संयम पालन करते हुए,
शुद्ध आहार व्रत फलाहार फल दूध मेवा मिष्ठान ले लेते।
सभी कार्य आसानी से होते हुए विध्न हरण सब बाधाएं हर लेते।
शुद्ध पवित्र चंचल मन स्थिर हो जाते ,
काम क्रोध लोभ अंहकार भय मुक्त हो शांत चित्त धारण करते।
साँझ सबेरे पूजा अर्चना आरती उतार कर ,
सोच विचारों को स्वच्छ निर्मल सकारात्मक ऊर्जा दे जाते।
माँ दुर्गा की महिमा अति न्यारी ,
साक्षी भाव से तनमन धन सुख सौभाग्य वरदान देती।
माँ के चरणों में शीश झुकाते हुए ,
मनचाहा फल झोलियाँ भर देती।
भक्तों की विनती सुनकर दौड़ी चली आती ,
आनंद उमंगों से भर दुखड़े हर लेती माँ दुर्गे सब विपदा दूर कर खुशियाँ देती।
शशिकला व्यास✍️