आदर्श
सत्य वचन और अहिंसा को जो आदर्श बनाते है।
प्रेम और विश्वास की लीक पर जो चल कर जाते हैं।
जो समाज की खुशहाली में सौहार्द संचार करें।
वो ही सच्ची श्रद्धांजलि वीरों की कर पाते हैं।
जो मात पिता और गुरुजन का हृदय से सम्मान करे।
ऐसे ही प्रिय जन,आज्ञा कारी कहलाते हैं।
सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच