Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Oct 2023 · 3 min read

आदर्श शिक्षक

आदर्श शिक्षक —

अक्सर कक्षाओं में अपने विद्यार्थियों को राष्ट्र भक्ति ईमानदारी और सदाचार कि शिक्षा शिक्षक गुरु द्वारा दिया जाता है ।

लेकिन स्वंय भी इन शिक्षाओ को अपने आचरण में जो शिक्षक उतार कर ही शिक्षार्थियों को शिक्षित करते है वह आदर्श शिक्षक हो सम्पूर्ण समय समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बन जाते है ।

ऐसे ही एक शिक्षक थे केवल तिवारी इंटरमीडिएट कालेज के प्राचार्य थे आचरण सिंद्धान्त के बहुत शक्त व्यक्ति और शिक्षा क्षेत्र में आदर्श व्यक्तित्व के रूप में जाने और पहचाने जाते थे उनकी विशेषता यही थी कि जो वह अपने विद्यार्थियों को शिक्षा सांस्कार देते पहले उसे स्वंय अपने आचरण में उतारते यही उनकी विशेषता विशेष थी ।

एक बार वह देवरिया रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की प्रतीक्षा कर रहे थे ट्रेन लेट थी बहुत देर प्रतीक्षा करने के उपरांत ट्रेन आयी और ट्रेन में बैठ गए जितनी देर वह प्रतीक्षा रेलवे स्टेशन पर कर रहे थे उस दौरान वह टिकट हेतु अनेको बार टिकट टिकट खिड़की पर गए किंतु टिकट नही मिल सका टिकट न मिलने में तकनीकी कारण थे विवश होकर केवल तिवारी जी ट्रेन में बैठ गए।

उनका सम्मान प्रभाव या आभा मंडल इतना बृहद था कि कोई भी उनसे टिकट नही मांग सकता था क्योकि सबको पता था कि तिवारी जी किन्ही भी परिस्थितियों में कभी भी ऐसा कार्य कर ही नही सकते तिवारी जी अपने गंतव्य स्टेशन पर उतर गए वहाँ भी टिकट चेक करने वाले टिकट कलेक्टर ने उनसे टिकट नही मांगा तब केवल तिवारी जी स्वंय सहायक स्टेशन मास्टर के पास गए और उन्होंने दण्ड के साथ अपनी बिना टिकट यात्रा के पैसे भुगतान करने का आग्रह किया किंतु स्टेशन मास्टर ने उन्हें बड़े सम्मान आदर के साथ बैठता चाय पिलाई औऱ बोला प्रिंसीपल साहब काहे हमे शर्मिंदा कर रहे है रोज हज़ारों लोग बिना टिकट चलते है कुछ लोग तो पैसा होने के वावजूद बिना टिकट चलते है लेकिन आप जैसे व्यक्ति भूल से किसी कारण से यदि टिकट नही कटा पाते है तो काहे कि पेनाल्टी गुरु जी आप शर्मिंदा कर रहे है केवल तिवारी जी घर पहुंचे लेकिन पूरी रात सो नही सके क्योकि उनके आचरण के विरुद्ध उनके ऊपर एक बोझ था जो उन्हें बहुत भारी लग रहा था ।

उन्होंने सुबह तक किसी तरह करवट बदल बदल कर रात बिताई क्योकि उन्हें अपने वसूलों सिद्धांतो से अनुराग था और वह टूटते नजर आ रहे थे सुबह उठते ही उन्होंने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखा ।

अध्यक्ष
रेलवे बोर्ड (नई दिल्ली)
आदरणीय महोदय –

आपको विनम्रता पूर्वक सूचित करना है कि मैं स्वयं कि गलती से देवरिया से नोनापार रेलवे स्टेशनों के बीच बिना टिकट यात्रा कि पत्र में तिवारी जी ने देवरिया रेलवे स्टेशन पर टिकट ना मिलने और नोनापार रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर द्वारा पेनाल्टी एव टिकट का पैसा लेने से इन्कार की बात नही लिखी ।

पूरे पत्र में सिर्फ स्वंय कि ही गलती स्वीकार करते हुए पेनाल्टी एव टिकट शुल्क का अनुरोध किया ।

रेलवे बोर्ड ने केवल तिवारी जी के पत्र को अपनी प्रत्येक पत्रिकाओं प्रकाशनों में तो प्रकाशित किया ही उस समय उपलब्ध हर आम खास प्रिंट मीडिया में भी प्रकाशित कराया और उन्हें जबाब प्रेषित किया ।

आदरणीय तिवारी जी –

कोई भी समाज राष्ट्र आप जैसे विद्वान एव प्रेरक व्यक्तित्व के साथ ही विकसित सक्षम सबल सम्मानित हो सकता है साथ ही साथ पेनाल्टी और टिकट शुल्क जोड़ कर जो धनराशि बनती थी उंसे जमा करने हेतु सुझाव दिया।

रेलवे बोर्ड का पत्र मिलते ही रेलवे बोर्ड द्वारा सुझाई गयी धनराशि जमा की ।

केवल तिवारी जी जिस इंटरमीडिएट कालेज प्राचार्य थे कालेज के विद्यार्थी एव उनके गांव के लोग बड़े गर्व से आज भी कहते नही थकते कि हम केवल तिवारी के गांव के है या मैं केवल तिवारी का छात्र रहा हूँ केवल तिवारी जी को दुनियां छोड़े बहुत दिन हो गए है लेकिन उनके जीवन के जिये गए आदर्श आज भी जिंदा है।

नंदलाल मणि त्रिपाठी पीतांबर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।

Language: Hindi
207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
View all
You may also like:
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
हम जो कहेंगे-सच कहेंगे
Shekhar Chandra Mitra
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
कवियों की कैसे हो होली
कवियों की कैसे हो होली
महेश चन्द्र त्रिपाठी
ଷଡ ରିପୁ
ଷଡ ରିପୁ
Bidyadhar Mantry
महिला दिवस
महिला दिवस
Dr.Pratibha Prakash
🙅अनुभूत/अभिव्यक्त🙅
🙅अनुभूत/अभिव्यक्त🙅
*प्रणय*
चलना हमारा काम है
चलना हमारा काम है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
लोग ऐसे दिखावा करते हैं
ruby kumari
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
Watch who is there for you even when the birds have gone sil
पूर्वार्थ
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आदमी की आँख
आदमी की आँख
Dr. Kishan tandon kranti
मैं हिन्दुस्तानी !
मैं हिन्दुस्तानी !
Shyam Sundar Subramanian
"भोर की आस" हिन्दी ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
इश्क़ में ना जाने क्या क्या शौक़ पलता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
।।मैं घड़ी हूं।।
।।मैं घड़ी हूं।।
भगवती पारीक 'मनु'
4044.💐 *पूर्णिका* 💐
4044.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संवेदना
संवेदना
नेताम आर सी
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
शूर शस्त्र के बिना भी शस्त्रहीन नहीं होता।
Sanjay ' शून्य'
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
*पाए हर युग में गए, गैलीलियो महान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
इतनी सी बस दुआ है
इतनी सी बस दुआ है
Dr fauzia Naseem shad
* बढ़ेंगे हर कदम *
* बढ़ेंगे हर कदम *
surenderpal vaidya
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
𑒔𑒰𑒙𑒳𑒏𑒰𑒩𑒱𑒞𑒰,𑒢𑒱𑒖 𑒮𑓂𑒫𑒰𑒩𑓂𑒟,𑒢𑒱𑒖 𑒨𑒬𑒑𑒰𑒢 𑒂 𑒦𑒹𑒠𑒦𑒰𑒫 𑒏 𑒖𑒰𑒪 𑒧𑒹 𑒅𑒗𑒩𑒰𑒨𑒪 𑒧𑒻
DrLakshman Jha Parimal
सोचा होगा
सोचा होगा
संजय कुमार संजू
एक दिवानी को हुआ, दीवाने  से  प्यार ।
एक दिवानी को हुआ, दीवाने से प्यार ।
sushil sarna
माँ : तेरी आंचल में.....!
माँ : तेरी आंचल में.....!
VEDANTA PATEL
Loading...