आदर्श ग्राम्य
पराकाष्ठा अपरूप लिए, ग्रामीण सजा है भव्य
प्राण प्रतिष्ठा बसे हमारे, उर ग्राम्य धर्म कर्त्तव्य
अमूल्य निधि अरुणोदय की, चित चितवन सब धन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
कार्य प्रगति पर हुए हमारे, मौन वचन से बंधा हुआ
अपने ही कुटुम्ब के तरु से, शूल वाणी से सधा हुआ
दर्पण दिखलाने वाले पर, हंसे चोचले जन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
साध रहे हित अपने, दिए प्रगति का नाम
कलंक लगा कर कुल पर, चारु अशिष्टिक धाम
परिधान स्वच्छ सौन्दर्य में, विष हुआ नगण्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
देव भूमि बगीचों में, खिला हुआ हर पुष्प
ताल सरोवर खग वृंदों से, प्रकृत सजी अनुप्प
पुरखों के सद्भावों से, छवि ग्राम्य की सौम्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
अहम त्वं में बंधे हुए है, शनि राहु संग केतू
निष्ठुरता के सुमन खिलाए, मंगल क्षुब्ध बन सेतू
सुफल सार हम बसे हुए है, परम ज्योति के सैन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
जिला प्रसिद्ध बड़ैला ताल, अपूर्व सरोरूह नाव
समीप भैसहि स्रोतस्विनी, सांकृत्यायन का गांव
किलकारी से हर्षित गुंजित, कामिनी वृद्ध व्यौम्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य
आदर्श गुरु का दर्जा में, सिद्ध प्रसिध्द सेऊटा गांव
पुलकित प्रकृति चित्रण, यक्ष गंधर्व अतिथि भाव
कहे कवि सुनों श्रोता जन, आज जन्म मेरों धन्य
आदर्श ग्राम्य आंचल ओढ़े, धन्य गात चैतन्य