Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Dec 2023 · 1 min read

#आदरांजलि

#प्रसंगवश-
■ असली सेंटा हमारे पेरेंट्स
【प्रणय प्रभात】
हमारी संस्कृति हमे एक दिन के देवदूत से प्रभावित होने की अनुमति नहीं देती। वो हमें जन्म और जीवन देने वाले उन अभिभावकों से प्रेरित होने की प्रेरणा देती है, जो हमारे लिए धराधाम पर उपलब्ध साक्षात देवतुल्य हैं। वो भी एकाध दिन के नहीं उम्र भर के लिए।
अभिभावक (माता-पिता) हमे जीवन-पर्यंत अपना शुभ आशीर्वाद व दुलार तो देते ही हैं, वो सब कुछ देते हैं जो प्रायः उनकी सामर्थ्य से भी परे होता है। माता और पिता के प्यार-दुलार व संस्कार से बड़ा उपहार भी भला कुछ और हो सकता है। वो सौभाग्यशाली हैं जो 365 दिन अपने जन्मदाता, पालक, पोषक, प्रोत्साहक व संरक्षक वास्तविक सेंटा (संत) दंपत्ति की छत्रछाया में पुष्पित, पल्लवित व सुरभित होते हैं। छत्रछाया चाहे स्थूल हो या फिर सूक्ष्म, सदैव हमारा साहस व संबल होती है। अब यह हम पर निर्भर है कि हम उनके प्रति किस हद तक कृतज्ञ रह पाते हैं।
संसार के किसी भी धर्म या उससे जुड़ी किसी परिपाटी पर प्रहार या उसका उपहास न मेरा उद्देश्य है, न अधिकार। मंतव्य उन स्वधर्मियों को अपनी महान परम्परा और विरासतों के हवाले से अकारण अंधानुकरण की गम्भीर चूक से परिचित कराना भर है। जो सिवाय पाखंड और नाटकीयता के कुछ और नहीं।
जय जय सियाराम।
■प्रणय प्रभात■
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 174 Views

You may also like these posts

काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
काली हवा ( ये दिल्ली है मेरे यार...)
Manju Singh
द्वापर में मोबाइल होता
द्वापर में मोबाइल होता
rkchaudhary2012
नही तनिक भी झूठ
नही तनिक भी झूठ
RAMESH SHARMA
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
इंतज़ार
इंतज़ार
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बेख़ौफ़ क़लम
बेख़ौफ़ क़लम
Shekhar Chandra Mitra
मैं खोया था जिसकी यादों में,
मैं खोया था जिसकी यादों में,
Sunny kumar kabira
साथ चली किसके भला,
साथ चली किसके भला,
sushil sarna
वक्त सा गुजर गया है।
वक्त सा गुजर गया है।
Taj Mohammad
सरोकार
सरोकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
3431⚘ *पूर्णिका* ⚘
3431⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
कहो तुम बात खुलकर के ,नहीं कुछ भी छुपाओ तुम !
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
ग़ज़ल (बड़ा है खिलाड़ी ,खिलाता है तू ..................).....................
डॉक्टर रागिनी
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
मन चाहे कुछ कहना .. .. !!
Kanchan Khanna
टूट जाती हैं कगारें
टूट जाती हैं कगारें
Saraswati Bajpai
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
आखिर क्यूं?
आखिर क्यूं?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
If he could do it, so can you.
If he could do it, so can you.
पूर्वार्थ
यूँ तो हमें
यूँ तो हमें
हिमांशु Kulshrestha
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
खुश मिजाज़ रहना सीख लो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
कठिनाईयां देखते ही डर जाना और इससे उबरने के लिए कोई प्रयत्न
Paras Nath Jha
"संकल्प-शक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
लोकतंत्र त्यौहार मतदान
लोकतंत्र त्यौहार मतदान
Seema gupta,Alwar
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
पंकज कुमार कर्ण
धन से बड़ा ध्यान।
धन से बड़ा ध्यान।
Ravikesh Jha
रिश्ते चाहे जो भी हो।
रिश्ते चाहे जो भी हो।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
जो गुजर रही हैं दिल पर मेरे उसे जुबान पर ला कर क्या करू
Rituraj shivem verma
नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
नगर अयोध्या ने अपना फिर, वैभव शुचि साकार कर लिया(हिंदी गजल)
Ravi Prakash
- बारिश के आने से -
- बारिश के आने से -
bharat gehlot
Loading...