Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2021 · 1 min read

आदमी_आसमान टुकड़ों में बँटा

आसमान टुकड़ों में बँटा
और आदमी‚
आसमान हो गया।
कुछ सिक्के अँगूठे पर उछालकर
बेचना इसे
आसान हो गया।
आदमियत
ज्यों जानवरों ने चर लिए।
क्योंकि
‘ऋणात्मक पुरूष’
आदमी में बहुत ज्यादा
प्राणवन हो गया।
कौन टूटा नहीं
प्रलोभनों के समक्ष
नीति कि नैतिकता‚श्रद्धा कि आस्था
शहर का पंचतत्व भी
और गाँव अनजान हो गया।
गणित शहरी हुआ जितना
आदमी के अंकों का मूल्य घटा।
और शुन्य उसका मान हो गया।
शब्द–शास्त्र बिकाऊ हो गया
क्योंकि
सारा प्रबुद्ध वर्ग
इस बस्ती का
सस्ते में इन्सान हो गया।
——————————

Language: Hindi
167 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भज ले भजन
भज ले भजन
Ghanshyam Poddar
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
जिंदगी के कुछ कड़वे सच
Sûrëkhâ
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
लाख़ ज़ख्म हो दिल में,
पूर्वार्थ
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3482.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
राम के नाम की ताकत
राम के नाम की ताकत
Meera Thakur
नारी
नारी
Nitesh Shah
प्रकाश पर्व
प्रकाश पर्व
Sudhir srivastava
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
अपनों का साथ भी बड़ा विचित्र हैं,
Umender kumar
आंसू
आंसू
पं अंजू पांडेय अश्रु
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
इन आंखों में तुम्हारी तस्वीर इस क़दर कैद है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भगत सिंह से मर्द
भगत सिंह से मर्द
RAMESH SHARMA
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
*घट-घट वासी को को किया ,जिसने मन से याद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
नहीं कोई धरम उनका
नहीं कोई धरम उनका
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
उसको फिर उससा
उसको फिर उससा
Dr fauzia Naseem shad
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
-पिता है फरिश्ता
-पिता है फरिश्ता
Seema gupta,Alwar
" कटु सत्य "
DrLakshman Jha Parimal
गाय, गौदुग्ध और भक्त
गाय, गौदुग्ध और भक्त
Dr MusafiR BaithA
न कोई जगत से कलाकार जाता
न कोई जगत से कलाकार जाता
आकाश महेशपुरी
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
ग़ज़ल(नाम तेरा रेत पर लिखते लिखाते रह गये)
डॉक्टर रागिनी
पोषण दर्द का
पोषण दर्द का
पंकज परिंदा
दिल तोड़ने की बाते करने करने वाले ही होते है लोग
दिल तोड़ने की बाते करने करने वाले ही होते है लोग
shabina. Naaz
क्यों इन्द्रदेव?
क्यों इन्द्रदेव?
Shaily
है अब मनुजता कहाँ?
है अब मनुजता कहाँ?
सोनू हंस
*संवेदना*
*संवेदना*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
"दिखावे की खुशी"
*प्रणय*
The Blessings of Mother Durga
The Blessings of Mother Durga
Ahtesham Ahmad
Loading...