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31 Aug 2024 · 1 min read

आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,

आदमी कई दफ़ा झूठ बोलता है,
सच को वो छुपाकर रखता है
और झूठ में ही मुॅंह खोलता है!
ये कैसा ज़माना आ गया है…
झूठ से सच को तोलता है।
…. अजित कर्ण ✍️

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