*आदत बदल डालो*
संभल डालो कुछ कर डालो, आदत अभी बदल डालो।
कानून के विरुद्ध चले तुम, अब कानून में बंध डालो।
ऊंच-नीच का भेद छोड़कर, सभी को गले तुम लगा लो।
मिलेगा तुमको सब कुछ यहां, क्यों रोते हो कंगालों।
सम्भल डालो कुछ कर डालो, आदत अभी बदल डालो।।१।।
शौच करो क्यों इधर-उधर, जब बन गए अब शौचालय।
अशिक्षित क्यों घूम रहे तुम, जब खुल गए अब विद्यालय।
शत्रुता से शत्रुता ही मिले, इजहार मित्रता का कर डालो।
अपनी छोटी से छोटी जीत पर, जितना चाहे जय गालो।
सम्भल डालो कुछ कर डालो, आदत अभी बदल डालो।।२।।
बेरोजगार को रोजगार दो, हर चीज बांट कर खा लो।
युग है आज कंप्यूटर का, चिट्ठी में कुछ लिख डालो।
बुझा पड़ा हो दीपक जो, आज उसे जला डालो।
चले आ रहे गम के पल को, मुस्कुराकर खुशी में ढालो।
सम्भल डालो कुछ कर डालो, आदत अभी बदल डालो।।३।।
मुश्किल डगर को मेहनत करके, मिल जाएगी तुम पालो।
सुधर जाओ ऐ! आतंकियों, मर जाओगे तुम सालों।
समय तुम बर्बाद करो ना, बचत की आदत डालो।
दुष्यन्त कुमार के प्रवचनों को, पढ़ो सुनो मन में गालो।
सम्भल डालो कुछ कर डालो, आदत अभी बदल डालो।।५।।