आत्म दीपो भव
अपना दीपक स्वयं बनो,
स्वयं की ज्योति से जगमगाए
मानव अति सुंदर पात्रता
जीवन की गहराई दे आकार।
करें आत्म साक्षात्कार
बंधन में तोड़ चुके घर भी छोड़ चुके।
बहें नित जीवन अपनी ओर
प्रेम की ज्योति से जगमगाए।
पात्रता कृति ऐसी जिससे जीवन का पूर्ण होना दिखलाएं। जगत को बढ़ा देना, अंतिम सत्य निर्वाण तक पहुंचा देना।
बुद्धत्व का होना, मानव का अति सुंदर होना।
झलक भारतीय जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण अध्यात्मिक होना।