Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2022 · 1 min read

आत्मरक्षा

आत्मरक्षा के लिए शत्रु का वध करना आवश्यक है।
संकटमय परिस्थिति में जीवन रक्षण हेतु प्रतीक्षा अवधि या अन्यथा विकल्प नही है।

Language: Hindi
1 Like · 321 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
है प्रीत बिना  जीवन  का मोल  कहाँ देखो,
है प्रीत बिना जीवन का मोल कहाँ देखो,
Abhishek Shrivastava "Shivaji"
विचार , हिंदी शायरी
विचार , हिंदी शायरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
मां ने भेज है मामा के लिए प्यार भरा तोहफ़ा 🥰🥰🥰 �
Swara Kumari arya
"लक्ष्य"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री राम वंदना
श्री राम वंदना
Neeraj Mishra " नीर "
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
आत्मीयकरण-1 +रमेशराज
कवि रमेशराज
इसके जैसा
इसके जैसा
Dr fauzia Naseem shad
यह जो आँखों में दिख रहा है
यह जो आँखों में दिख रहा है
कवि दीपक बवेजा
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
हब्स के बढ़ते हीं बारिश की दुआ माँगते हैं
Shweta Soni
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
*फल- राजा कहलाता आम (बाल कविता/हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
जब कोई हाथ और साथ दोनों छोड़ देता है
Ranjeet kumar patre
यह कौन सा विधान हैं?
यह कौन सा विधान हैं?
Vishnu Prasad 'panchotiya'
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
पसंद तो आ गई तस्वीर, यह आपकी हमको
gurudeenverma198
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
.
.
*प्रणय प्रभात*
हृदय के राम
हृदय के राम
इंजी. संजय श्रीवास्तव
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
हाल ऐसा की खुद पे तरस आता है
Kumar lalit
3172.*पूर्णिका*
3172.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
आसान नहीं होता घर से होस्टल जाना
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
हालात ए शोख निगाहों से जब बदलती है ।
Phool gufran
कभी न खत्म होने वाला यह समय
कभी न खत्म होने वाला यह समय
प्रेमदास वसु सुरेखा
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
कुछ इस तरह टुटे है लोगो के नजरअंदाजगी से
पूर्वार्थ
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
नारी के कौशल से कोई क्षेत्र न बचा अछूता।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
భరత మాతకు వందనం
భరత మాతకు వందనం
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
*** अहसास...!!! ***
*** अहसास...!!! ***
VEDANTA PATEL
सर्दियों की धूप
सर्दियों की धूप
Vandna Thakur
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
वैश्विक जलवायु परिवर्तन और मानव जीवन पर इसका प्रभाव
Shyam Sundar Subramanian
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
क्या हुआ , क्या हो रहा है और क्या होगा
कृष्ण मलिक अम्बाला
Loading...