Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2020 · 1 min read

आत्मनिर्भर भारत !

वे रोज

दोस्तों के साथ

ताश खेलते हैं,

फिर घर आते हैं,

बीवी को पीटते हैं,

क्योंकि वे आज चौका-बर्त्तन करने

नहीं गयी थी….

फिर बच्चों के हिस्से का भी खाना खा लेते हैं,

फिर ताश खेलने चले जाते हैं !

यह है,

आत्मनिर्भर भारत !

Language: Hindi
431 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
धरा और हरियाली
धरा और हरियाली
Buddha Prakash
प्रार्थना के स्वर
प्रार्थना के स्वर
Suryakant Dwivedi
2698.*पूर्णिका*
2698.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"महंगाई"
Slok maurya "umang"
International Chess Day
International Chess Day
Tushar Jagawat
देश गान
देश गान
Prakash Chandra
* आओ ध्यान करें *
* आओ ध्यान करें *
surenderpal vaidya
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
अच्छी थी पगडंडी अपनी।सड़कों पर तो जाम बहुत है।।
पूर्वार्थ
बूढ़ी मां
बूढ़ी मां
Sûrëkhâ Rãthí
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
DrLakshman Jha Parimal
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
रै तमसा, तू कब बदलेगी…
Anand Kumar
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
देकर घाव मरहम लगाना जरूरी है क्या
Gouri tiwari
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
न कहर ना जहर ना शहर ना ठहर
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
नजर  नहीं  आता  रास्ता
नजर नहीं आता रास्ता
Nanki Patre
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
गरीबी और भूख:समाधान क्या है ?
Dr fauzia Naseem shad
*जब अँधेरा हो घना, दीपक जलाना चाहिए 【मुक्तक】*
*जब अँधेरा हो घना, दीपक जलाना चाहिए 【मुक्तक】*
Ravi Prakash
तुझमें : मैं
तुझमें : मैं
Dr.Pratibha Prakash
"कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है
Atul "Krishn"
बच्चों को बच्चा रहने दो
बच्चों को बच्चा रहने दो
Manu Vashistha
"अर्द्धनारीश्वर"
Dr. Kishan tandon kranti
■ आज का शेर...
■ आज का शेर...
*Author प्रणय प्रभात*
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जाते-जाते गुस्सा करके,
जाते-जाते गुस्सा करके,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
हर क़दम पर सराब है सचमुच
हर क़दम पर सराब है सचमुच
Sarfaraz Ahmed Aasee
प्यार नहीं दे पाऊँगा
प्यार नहीं दे पाऊँगा
Kaushal Kumar Pandey आस
ह्रदय
ह्रदय
Monika Verma
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
🌹🙏प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए समर्पित🙏 🌹
कृष्णकांत गुर्जर
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
VINOD CHAUHAN
Loading...