आत्मघाती हमला
सेना की गतिविधियाँ देखकर, बहुत सारे आतंकी डर से फरार थे।
उन्हें खोजने निकले वाहन में, भारतीय सेना के कई वीर सवार थे।
आंतरिक सुरक्षा परखते हुए, शुरू सुरक्षा का सिलसिला हुआ था।
कुछ वर्षों पहले इस दिन, पुलवामा में आत्मघाती हमला हुआ था।
धूर्त में चूर सभी आतंकियों ने, पूरे देश के हिस्से में ग़म डाल दिया।
नियोजित षड्यंत्र के अनुसार, सैन्य वाहन के नीचे बम डाल दिया।
धमाके से धुएं का गुबार उठा, हर लथपथ शव पूरा जला हुआ था।
कुछ वर्षों पहले इस दिन, पुलवामा में आत्मघाती हमला हुआ था।
सभी बिखरे शवों को देखकर, हर भारतवासी का हृदय हिल गया।
पर हमले की ख़बर पहुँचते ही, राजनीति को नया मुद्दा मिल गया।
आतंकियों को डराने वाला, जोश और जज़्बा भी जुमला हुआ था।
कुछ वर्षों पहले इस दिन, पुलवामा में आत्मघाती हमला हुआ था।
आज तो हर भारतीय सैनिक, आतंक के अड्डों को ढ़ेर कर रहा है।
शहीद के बदले आतंकी मारे, वो फर्ज़ निभाने में न देर कर रहा है।
तब खूफ़िया तंत्र पड़ा था बेसुध, दुश्मन का खेमा संभला हुआ था।
कुछ वर्षों पहले इस दिन, पुलवामा में आत्मघाती हमला हुआ था।