आतिशबाजी बुरी (बाल कविता)
आतिशबाजी बुरी (बाल कविता)
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रामू लाया सात पटाखे
राजू आठ अनार ,
फुलझड़ियों के पैकेट
मीना लेकर आई चार ।।
दीवाली पर आतिशबाजी
आधा घंटा छूटी,
खुशी सभी ने आतिशबाजी
देख-देख कर लूटी ।।
फिर दादाजी बहुत देर तक
बहुत जोर से खाँसे,
लाल हो गया चेहरा उनका
दीखे बहुत रुऑंसे ।।
बच्चे सब घबराए
बोले गलती रही हमारी,
आतिशबाजी बुरी
प्रदूषण की जड़ है यह सारी।
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रचयिता: रवि प्रकाश,
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
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