Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Oct 2019 · 1 min read

आतंक का जोर

मच रहा है बाहर बहुत शोर
आजकल आतंक का जोर
कोई नहीं हैं यहाँ सुरक्षित
होने चाहतें हैं सब आरक्षित
चोर बनने को हैं सब आतुर
कैसे बचेंगे शाह और ठाकुर
इंसान क्यों बन गया हैवान
कैसे बचेगा ईमान सम्मान
क्यों बन गए हैं सभी बेशर्म
कूकर्म करते नहीं आती शर्म
जो भी होता जिसका रक्षक
वहीं बन गया आज भक्षक
क्या कोई कुछ कर पाएगा
जब रक्षक भक्षक हो जाएगा
जब खाएगी बाड़ खेत को
कोन संभालेगा उस खेत को
सज्जन ही बन बैठे हैं दुर्जन
कौन बनेगा किसका सिरजन
सभी करलो सही सोच विचार
मानुष जन्म ना मिले बार बार
यही मौका कर निज में सुधार
वर्ना अन्तर्मन मिलेगा धिक्कार
यही है जीवनभर की कमाई
यदि यहाँ इन्सानियत कमाई

सुखविंद्र सिए मनसीरत

Language: Hindi
1 Like · 477 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
दिल ने दिल को दे दिया, उल्फ़त का पैग़ाम ।
sushil sarna
राम का राज्याभिषेक
राम का राज्याभिषेक
Paras Nath Jha
3125.*पूर्णिका*
3125.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" नाराज़गी " ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Exam Stress
Exam Stress
Tushar Jagawat
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Neeraj Agarwal
आधार छन्द-
आधार छन्द- "सीता" (मापनीयुक्त वर्णिक) वर्णिक मापनी- गालगागा गालगागा गालगागा गालगा (15 वर्ण) पिंगल सूत्र- र त म य र
Neelam Sharma
🌷🌷  *
🌷🌷 *"स्कंदमाता"*🌷🌷
Shashi kala vyas
Friends 💕 forever soul connection
Friends 💕 forever soul connection
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दर्द देह व्यापार का
दर्द देह व्यापार का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
आया करवाचौथ, सुहागिन देखो सजती( कुंडलिया )
Ravi Prakash
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
बरसने दो बादलों को ... ज़रूरत है ज़मीं वालों को ,
Neelofar Khan
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पुरुष को एक ऐसी प्रेमिका की चाह होती है!
पूर्वार्थ
इश्क़ में कोई
इश्क़ में कोई
लक्ष्मी सिंह
"तू मीरा दीवानी"
Dr. Kishan tandon kranti
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ज़िंदगी
ज़िंदगी
Dr fauzia Naseem shad
- गुरूर -
- गुरूर -
bharat gehlot
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
हमेशा दोस्त ही हैं जो हमारे साथ चलते हैं
Dr Archana Gupta
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
आनंदानुभूति
आनंदानुभूति
Santosh kumar Miri
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
ठोकरें आज भी मुझे खुद ढूंढ लेती हैं
Manisha Manjari
मैं मोहब्बत हूं
मैं मोहब्बत हूं
Ritu Asooja
हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar
हिज़ाब को चेहरे से हटाएँ किस तरह Ghazal by Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
"राज़ खुशी के"
ओसमणी साहू 'ओश'
Loading...