आतंकवाद
भारतीय परम्परा के अनुसार देश का सैनिक हमेशा ही देश का सर्वाधिक सम्मानित नागरिक रहा है आजादी से पहले और आजादी के बाद भी देश ने अनेकों लडाईयां लड़ी जिनमें अधिकाँश लडाईयां देश जीता किंतु कुछ हारा भी लेकिन सैनिकों के सम्मान में कोई कमी नहीँ आई किंतु आज एक एैसी लड़ाई देश लड़ रहा है जिसमें हम जीत हासिल नहीँ कर पा रहे है यह है आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई । इस लड़ाई में जीत हासिल न होने का कारण यह नहीँ कि हमारी सैन्य क्षमता कमजोर है वरन इसका कारण यह है कि आतंकवाद पर राजनिती हो रही है । कितने साल हो गये हमें आतंकवाद से लड़ते किंतु समस्या जस कि तस शायद इतने जवान हमने सीमा पर नहीँ खोये जितने आतंकवाद से लड़ने में खो दिये । हमारा दुर्भाग्य यह है कि कभी सत्ताधारी और कभी विपक्षी पार्टी एक जाति विशेष का वोट पाने के लिये इस लड़ाई को कमजोर करने में सहायक सिद्ध होती है ।
यदि हमें इस लड़ाई को जीतना है तो हमें देश हित को सर्वोपरि रखना होगा और एकजुटता के साथ आतंकवाद का सामना करना होगा
जय भारत
विजय बिज़नोरी