आतंकवादी चेहरे और समाधान.
आतंकवाद तेरा अंत निश्चित ही होगा.
कैसे पनपा क्यों बढ़ रहा.
खरपतवार सम आतंकवाद.
इसे उखाड़ फेंकना ही होगा.
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हमें इसका आकलन करना होगा.
कुछ चेहरे जेहादी है
कुछ के सम्प्रदायी नकाब.
कोई नस्ल पर लड़ रहा.
किसी के रंगभेदी बाण.
सभी रुप रंगों की नब्ज को जानना होगा.
आतंकवाद तेरा अंत निश्चित ही होगा.
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तन गये फौलादी सीने कर्णधारों के अपने.
आज नहीं कोई अपना होगा.
भले खून चाहे अपना होगा.
गैर चेहरा जेहादी नस्ल रंगभेदी होगा.
इंसानी खून पीना है सपना जिनका .
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ये कौन लोग हैं आतंकी.
आतंकवाद धर्म क्यों है इनका.
इंसानियत से परे क्यों है इतने.
ब्रिज बनाने होंगे मध्यस्थता के हमको.
व्यवस्था के आंख वा कान बनाना होगा.
इसे गंभीरता से लेना होगा.
इसके मूल उद्गम को नष्ट करना होगा.
वरन् कह ना सकोगे?
आतंकवाद तेरा कभी अंत निश्चित ही होगा..
डॉ. महेन्द्र सिंह महादेव