#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
(शुतुरमुर्गों के साथ)
उड़ान केवल पंखों पर नहीं, अपनी दम, प्रभु की कृपा, वंश परम्परा व हवाओं के साथ पर निर्भर करती है। इतराना इन सबका अपमान करना है।
【प्रणय प्रभात】
#आज_की_बात-
(शुतुरमुर्गों के साथ)
उड़ान केवल पंखों पर नहीं, अपनी दम, प्रभु की कृपा, वंश परम्परा व हवाओं के साथ पर निर्भर करती है। इतराना इन सबका अपमान करना है।
【प्रणय प्रभात】