#आज_की_ग़ज़ल
#ग़ज़ल
■ रतजगा मेरा…!!
【प्रणय प्रभात】
★ तेरी मंज़िल थी, रास्ता मेरा।
नींद तेरी थी, रतजगा मेरा।।
★ मेरी ख़ुशियों से था, गुरेज़ तुझे।
तेरे ग़म से था, वास्ता मेरा।।
★ मुझको पागल तू, ठीक कहता था।
जानता था ना, वाक़या मेरा।।
★ मान ले तूने, खो दिया मुझको।
अब न ले पाएगा, पता मेरा।।
★ जिसने बनने नहीं दिया, कुछ भी।
क्या बिगाड़ेगा वो, बता मेरा??
★ अपनी हद से, गुज़र गया हूँ मैं।
तू भी तकना न, रास्ता मेरा।।
★ मुझको क्या काम, नाख़ुदा तुझ से?
आज हाफ़िज़ है, बस ख़ुदा मेरा।।
★ इसलिए कट गया, ज़माने से।
आज ख़ुद से है, राब्ता मेरा।।