#आज_का_शेर
#आज_का_शेर
■ आज की दुनिया में मरने से ज़्यादा आसान और जीने से ज़्यादा कठिन काम कोई नहीं। वो भी घुट-घुट कर नहीं, पूरे जीवट के साथ।
●प्रणय प्रभात●
#आज_का_शेर
■ आज की दुनिया में मरने से ज़्यादा आसान और जीने से ज़्यादा कठिन काम कोई नहीं। वो भी घुट-घुट कर नहीं, पूरे जीवट के साथ।
●प्रणय प्रभात●