आज
आज??
ज़िंदगानी के अजब हालात हैं
अश्क में भीगे हुए जज़्बात हैं।
हर तरफ है तिश्नगी छाई हुई
बिखरे बिखरे से सभी ख्यालात हैं।
सोच की फेहरिस्त कुछ ऐसी हुई
अनबूझे से हर तरफ सवालात हैं।
बेरुखी ने इस कदर घायल किया
मन के रेगिस्तान में बरसात है।
बेकसी छाई है हर एक शख्स पर
न कहीं पर खुशी की सौगात है।
हर कोई उलझा है जद्दोजहद में
हर तरफ रुसवाइयों की बात है।
रोशनी शर्मा