आज
आज इंसान ग़ुम हो रहा है ।
इतना मज़लूम हो रहा है ।
खा रहे वो कसमें ईमान की ,
यूँ ईमान का खूं हो रहा है ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@…..
आज इंसान ग़ुम हो रहा है ।
इतना मज़लूम हो रहा है ।
खा रहे वो कसमें ईमान की ,
यूँ ईमान का खूं हो रहा है ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@…..