आज सूरज खो गया
आज सूरज खो गया
पलक भी झपकी न थी
कि लौ बुझी
आज का दिन एक सपना हो गया
आज सूरज खो गया।
तरु लताओं के सहारे झूमता
अंध कूपों का निवासी हो गया
आज का दिन एक सपना हो गया
आज सूरज खो गया।
विपिन
आज सूरज खो गया
पलक भी झपकी न थी
कि लौ बुझी
आज का दिन एक सपना हो गया
आज सूरज खो गया।
तरु लताओं के सहारे झूमता
अंध कूपों का निवासी हो गया
आज का दिन एक सपना हो गया
आज सूरज खो गया।
विपिन