आज सब कुछ हैं माँ के शिवा ##
आज सब कुछ हैं माँ के सिवा !!
सुबह देर से उठने पर माँ की डांट !!
बाहर जाने से पहले कुछ खा कर जाना !!
देर तक बाहर मत रहना टाईम पर घर आना !!
बाहर का कुछ मत खाना !!
ठंढी लग जायेगी अच्छे से कपड़े पहन कर जाना !!
थोड़ी सी सर्दी लगने पर सिर में तेल लगाना !!
बात बात फर धमकी देना !!
बात नही मानोगे तो पापा से बता दूंगी !!
परीक्षा देने जाने पर भी माँ दही लेकर आती हैं
दही खा कर जाओ तो परीक्षा अच्छा होता है !!
जो आजादी बचपन में चाहते थे !!
आज वो सब कुछ हैं !!
त्योहारों में कपड़े बनवाना !!
साथ ही ये भी बोलना की अब अगले त्योहार में लाउंगी !!
मेले जाने पर सबसे पैसे मीलना !!
माँ का ये कहना की बड़ो का पैर छुना आशीर्वाद मिलता हैं
रात को देर तक जागते हैं !!
सुबह दे तक सोते है !!
माँ के वो डांट याद आते हैं !!
ऐसा लगता हैं की हम लावारिस हैं !!
हमे डांट कर खुद छुप कर रोना !!
हाथ जोड़ कर हमारे लिए दुआ करना !!
हम कामयाब हो तो भी माँ के आँखों में आँसू !!
ये बोलना ये तो है खुशी के आँसू !!
थोड़ी सी तबियत खराब होने पर !!
रात रात भर सिरहॎने बैठना जाग कर !!
हमारे लिए दुआ करना !!
कही किसी की नजर तो नहीं लग गई !!
बार बार नजर उतारना !!
आज पैसा आजादी कामयाबी सब हैं !!
माँ नहीं जिसके दुआओ से सब मीला हैं !!
बचपन में नहीं अच्छा लगता था माँ की डांटे !!
रोक टोक की बाते !!
अब रोकने टोकने वाला कोई नही !!
अब तो प्यार से सिर पर हाथ फेरने वाला कोई नही !!
कामयाब हो गये माँ हम ये किसको बताये !!
मेरी छोटी छोटी खुशियों में मिठाईया खिलाती !!
नहीं अच्छे लगते माँ ये आजादी कामयाबी !!
बचपन की यादों को लौटा दो हमारी !!
क्यों हो गये इतने बड़े !!
जहाँ से कोई अपना नजर नहीं आता !!
मीना सिंह राठौर
नोएडा उत्तर प्रदेश