आज वीरों को तुम याद करो।
आज वीरों को तुम याद करो।
अब वो दौर न आयेगा।
आज का दिन है अनमोल रतन।
हर जगह ही तिरंगा लहराएगा।
सीने में खाई जिसने गोली, देश आजाद किया।
लहू बहा दी अपनी तिरंगा झुकने न दिया।
सर पर कफ़न बांध कर निकले थे, लौटेंगे एक दिन।
फूलों से सजी गाड़ी लौटी, मां आंसू बहा दी बेटा के बिन।
कुछ उम्मीद थे उनके, सपने राख हुए सरहद पर।
घर से कुछ खिलौने छोड़ें, चले गए वो आंख मूंद कर।
पांव में छाले पड़ गए, कुर्बानी दिए मुस्काकर।
राजगुरु और भगत सिंह जैसे वीर थे शामिल, चले गए मां को चिठ्ठी लिखकर।
जब तक रही जिस्म में जान, दुश्मनों को ढेर किए।
ख़ून से धरती रंगी, भारत मां के आंचल छूने न दिए।
दाग़ बन गए हाथों में उनके, फिर भी दन दना दन वार किए।
सांस जब तक रही धड़कन में, अंग्रेजो को मजा चखा दिए।
?? लेखक/कवि- मनोज कुमार ??
उत्तर प्रदेश गोंडा जिला ???️