आज मैं कल तुम
आज मैं तुम्हें चलना सिखाता हूं
कल तुम मुझे चलाना
आज मैं हूं तुम्हारा सहारा
कल तुम मेरे बनना
जब हो मेरे जीवन की ढलती सांझ
उसमें मेरा हौसला बढ़ाते एक सूरज से उगना
जब हो मेरे मन में अंधेरा,
सांसों में भारीपन
दिल के हर कोने में पसरा
अकेलापन
तब उसे अपनेपन के अहसास से
जितना मैं चाहूं
उतना भरना।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001