Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2018 · 1 min read

आज मेरी आँखों ने अपनों को जलते देखा।

आज जलते हुए लोग देखे
सुलगती हुई आँखें देखी
सड़ती बदबूदार
माबाद निकलती
खोपड़ी देखी
सब को चलते देखा
सब को जलते देखा
आज अपने घर [देश ] को
जलते देखा ,
बिखरते देखा
कुछ लोगों को
जलने पे हँसते देखा,
आग को हवा देते देखा,
आग से खेलते देखा,
गंगा यमुनि तहजीब को
जलते सुलगते देखा,
मेरी आखों ने बस
आग -ही आग देखा।
खूबसूरती को बदसूरती में
बदलते देखा,
होश वालों को
बदहोश होते देखा,
फूलों को खंजर होते देखा,
वेश -भूसा से लोगों को पहचानते देखा ,
आज मेरी आँखों ने,82 साल के दादा को
इंसान से मुसलमा होते देखा,
उनकी बूढी हड्डियों को धर्म की बलि चढ़ाते देखा,
आज मेरी आँखों ने इंसानियत को मरते
और हैवानियत को हँसते -मुस्कुरातेदेखा
आज मेरी आँखों ने सपनों को कुचलते देखा
अपनों को जलते देखा।

कौन हैं वो,
जो फूलों में ज़हर भरता हैं
सहारे के लिए बढ़ने बाले हाथों में
हथियार कौन पकरता है।
ईद और दिवाली को बदरंग कौन बनाता है
क्या उसे नहीं मालूम,
जिसे जलाने की कला वो सिखलाते हैं।
जिस दिन आग बग़ावत पे उतरेगी
जलाने और जलवाने वालों को भी
भस्म कर जाएगी
21 -11 -2018
[मुग्द्धा सिद्धार्थ ]

Language: Hindi
10 Likes · 2 Comments · 308 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पछतावे की अग्नि
पछतावे की अग्नि
Neelam Sharma
*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
Dr Mukesh 'Aseemit'
2) भीड़
2) भीड़
पूनम झा 'प्रथमा'
मुहब्बत
मुहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
नसीब की चारदीवारी में कैद,
नसीब की चारदीवारी में कैद,
हिमांशु Kulshrestha
.........,
.........,
शेखर सिंह
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
मुश्किल बहुत होता है मन को नियंत्रित करना
Ajit Kumar "Karn"
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
!!!! कब होगा फैसला मेरा हक़ में !!!!
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
"" *एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य* "" ( *वसुधैव कुटुंबकम्* )
सुनीलानंद महंत
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
ॐ शिव शंकर भोले नाथ र
Swami Ganganiya
#श्योपुर-
#श्योपुर-
*प्रणय*
भूल चुके हैं
भूल चुके हैं
Neeraj Agarwal
"ऐसा है अपना रिश्ता "
Yogendra Chaturwedi
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
ਐਵੇਂ ਆਸ ਲਗਾਈ ਬੈਠੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
मनीआर्डर से ज्याद...
मनीआर्डर से ज्याद...
Amulyaa Ratan
वीर बालिका
वीर बालिका
लक्ष्मी सिंह
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
कभी अपने ही सपने ख़रीद लेना सौदागर बनके,
कभी अपने ही सपने ख़रीद लेना सौदागर बनके,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
कलम व्याध को बेच चुके हो न्याय भला लिक्खोगे कैसे?
संजीव शुक्ल 'सचिन'
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
शिक्षा का महत्व
शिक्षा का महत्व
Dinesh Kumar Gangwar
पीड़ादायक होता है
पीड़ादायक होता है
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
3149.*पूर्णिका*
3149.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"सब्र"
Dr. Kishan tandon kranti
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Kabhi kabhi paristhiti ya aur halat
Mamta Rani
जनता नहीं बेचारी है --
जनता नहीं बेचारी है --
Seema Garg
Loading...