आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
किस्मत हमसे नही हम किस्मत से रूठे हैं
यकीं हैं हौसलों को सजदा करेगी किस्मत
थोड़ी थकान बेशक है अंदर से कहाँ टूटे हैं
©दुष्यंत ‘बाबा’
आज बेरोजगारों की पहली सफ़ में बैठे हैं
किस्मत हमसे नही हम किस्मत से रूठे हैं
यकीं हैं हौसलों को सजदा करेगी किस्मत
थोड़ी थकान बेशक है अंदर से कहाँ टूटे हैं
©दुष्यंत ‘बाबा’