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25 Mar 2024 · 1 min read

आज फिर हाथों में गुलाल रह गया

आज फिर हाथों में गुलाल रह गया
उसको रंग लगाने का दिल में मलाल रह गया
रूह से महसूस किया है उसको
फिर भी हाथों से गुलाल लगाना चाहता हूं
प्यार के रंग में तो रंगी है वो
फिर भी उसे रंगों से रंगना चाहता हूं
मगर हर बार की तरह इस बार भी हाथ खाली रह गया
रंगों का ये त्यौहार उसके बिना फीका ही चला गया।

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