आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
आज फिर वही पहली वाली मुलाकात करनी है
दो कप चाय के और फिर वही दिल वाली बात करनी है
बताऊं कैसे कोई और हो या न हो
बस तू ही मुझे हर लम्हा नही उम्र भर अपने साथ रखनी है
बिन तेरे रास्ता जिंदगी का यो मने आज कल सुनसान सा लगे
तू नही होती जब पास मेरे तो अपना भी हर कोई अंजान सा लगे
मने मेरा खास रिश्ता बस तेरे साथ ही बनाने का दिल करे
बताऊं कैसे तने में बगैर तेरे लम्हा हर एक जीवन का मुश्किल लगे
मेरी तो देखी जायेगी तुझे खुश रखने की रब से फरियाद रहया करे
कोई और शक्श नी रहता आज कल जितना की तू मुझे याद रहया करे